I Do not write...

I Do not write... It just happened that i wrote these ;-)

Sunday, February 13, 2011

दो किनारे : valentineday special




सूनी  ये  राते  है ,दिल  में  कुछ  बातें   है
मनवा  क्यूँ   डोले  है ,खाये  हिचकोले  है

कोयलियाँ  कही  कूकें  जो ,हिवडे  में  यादे  फूंके  वो
ली  मन  ने  जो  अंगड़ाई  ,फिर  महकन  लागी पुरवाई 

बिन  बादल  जो  चुप  सा  था ,आज मोर  वो  फिर  से   नाचा  है
ये  जादू  है  उन  बूंदों  का ,जो  बारिश  पहले  गिरती  है

कभी  मैंने   ऐसा  सोचा  ना ,बड़ी  प्यारी   अपनी    कहानी  बनी 
 सुनके  मौसम  भी   मस्ताना  हुआ ,कि आज  हवा  भी  उसकी   दीवानी  बनी 

अब  दरिया  चाहता  बस  एक  पुल  है
दो  किनारे  जो  मिलने  को  व्याकुल  है 

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